तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को लगाया फटकार, पूछा-मेरा स्वागत करने बाहर क्यों नहीं आये

By Team Live Bihar 56 Views
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लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने आज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को जलील कर दिया. तेजप्रताप यादव इस बात से नाराज थे कि जगदा बाबू उन्हें रिसीव करने बाहर क्यों नहीं आये. गुस्से से लाल पीला तेजप्रताप यादव ने कहा कि जगदानंद जैसे लोगों के कारण ही लालू प्रसाद यादव बीमार हैं. जगदानंद जैसे लोगों ने पार्टी को बर्बाद कर दिया.

दरअसल हुआ यूं कि तेजप्रताप य़ादव अपने समर्थकों के साथ आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में पहुंच गये. मीडिया को खबर दे दी गयी थी कि तेजप्रताप यादव पार्टी कार्यालय पहुंचने वाले हैं. लिहाजा मीडिया पहले से मौजूद थी. तेजप्रताप यादव पार्टी दफ्तर पहुंचे और मीडिया के सामने सीधे जगदानंद सिंह पर बरस पड़े. पार्टी दफ्तर पहुंचते ही तेजप्रताप बोले “जगदानंद सिंह यहां बैठे हुए हैं और उनका कमरा बंद है. अभी तक जगदानंद सिंह ने आजाद पत्र नहीं लिखा है. जाकर उनसे पूछिये क्यों नहीं लिखा है आजाद पत्र.”

ऐसा लग रहा था तेजप्रताप यादव जगदानंद सिंह को जलील करने के ही मूड में आये थे. लिहाजा दो लाइन बोलने के बाद अपने साथ आये एक व्यक्ति को बोलने को कहा. फिर अपने सहयोगी को कहा कि वे मीडिया के सामने बोलें. तेजप्रताप यादव के सहयोगी बोलने लगे “हम पांच-पांच बार पार्टी ऑफिस में आये. हमको कहा गया कि स्लीप देकर प्रदेश अध्यक्ष से मिलिये. हम 1989 से लालू जी के साथ हैं. हम स्लीप देकर प्रदेश अध्यक्ष से मिलेंगे.”

अपने सहयोगी से बुलवाने के बाद तेजप्रताप यादव ने खुद बोलना शुरू किया. कहा-जब पिता जी थे तो यही लोग उन्हें पूरी तरह से घेरे रहते थे. जगदानंद जैसे लोग हैं जो पिता जी को बीमार किये हुए हैं. तेजप्रताप बोले-यहां जो आयेगा अप्वाइंटमेंट लेकर आय़ेगा. यहां जगदानंद का रूल नहीं चलेगा. आरजेडी के कार्यालय में कोई भी आ सकता है.

तेजप्रताप बोले-पहले रामचंद्र पूर्वे प्रदेश अध्यक्ष थे. वे बहुत ठीक थे. मैं पार्टी के कार्यालय में आता था तो वे मेरा स्वागत करने बाहर आते थे. अब देखिये मैं पार्टी का माननीय विधायक हूं. हसनपुर का विधायक हूं. मुझे रिसीव करने जगदानंद सिंह बाहर क्यों नहीं निकले. यही स्थिति है पार्टी की. जगदानंद जैसे लोगों ने पार्टी को बर्बाद कर दिया.

तेजप्रताप यादव प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के चेंबर में घुसकर उन्हें मीडिया के सामने भला-बुरा कहने को तैयार थे. लेकिन उनके ही सहयोगियों ने उन्हें रोका. फिर वे राजद कार्यालय से वापस लौटे.

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