Desk: बिहार में तेज रफ्तार से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है और अब 5 अप्रैल तक डॉक्टर से लेकर अधिकारी और सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर आदेश जारी किया है कि 5 अप्रैल तक डॉक्टर, संविदा डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर, अधीक्षक, प्राचार्य, निदेशक प्रमुख, जूनियर रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट, पारा मेडिकल कर्मी, जीएनएम, एएनएम कर्मियों की सभी छुट्टियां रद्द रहेगी.
प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी सिविल सर्जन और डीएम को ये भी निर्देश दिया है कि जो भी कर्मी अभी छुट्टी पर हैं. उनकी छुट्टी को तत्काल निरस्त करते हुए उन्हें वापस ड्यूटी पर लगाया जाए. बताते चलूं की राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या रोजाना दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है और अब नए लोगों को कोरोना चपेट में लेने लगा है. इधर राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी अस्पतालों से कर्मियों की सूची भी मांगी है, जिसके आधार पर पीपीई किट, मास्क,ग्लब्स और सैनिटाइजर की व्यवस्था कराई जा रही है.
पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स को पूरी तरह से अलर्ट किया गया है और आइसोलेशन बेड बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं. बताते चले कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार में एक बार फिर से तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है और एक दिन में आंकड़ा शतक पार गया है. पिछले 24 घंटे में बिहार में 107 नए मरीजों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है तो पटना हॉट स्पॉट बनने लगा है.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पटना में एक साथ सबसे ज्यादा 26 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि भागलपुर में तेजी से नए लोगों में संक्रमण फैल रहा है. भागलपुर में भी 11 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है तो कई नए जिलों में भी भोजपुर, रोहतास, सीतामढ़ी समेत कुल 26 जिलों में मरीज मिले हैं. पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े बढ़ने के साथ ही राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 405 पर पहुंच गई है, तो राज्य में सैम्पल जांच की संख्या भी बढ़ा दी गई है.
गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन में कुल 59 हजार 76 लोगों की कोरोना जांच हुई है. पटना में अब एक्टिव मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा यानि 183 पर पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम अब हर जगह सैम्पल जांच में जुट गई है तो सभी अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर्स पर डॉक्टरों की तैनाती भी कर दी गई है. राज्य के सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि जहां भी पॉजिटिव मरीज मिलते हैं वहां माइक्रो कंटेन्मेंट जोन बनाया जाए ऐसे में डीएम से लेकर सिविल सर्जन भी मॉनिटरिंग में लगे हैं और लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की जा रही है.