नीतीश कुमार की फाइल तस्वीर
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पटनाः  बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। जिसके तहत राज्य में शराब पीना या उसके जुड़ें कारोबार करना क़ानूनी जुर्म है। हालांकि, इसके बाद भी इस कानून की हकीकत क्या है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। इसके साथ ही हर महीने- दो महीने पर सूचना निकल कर सामने आती रहती है कि जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है। इसी कड़ी में अब राज्य में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर राज्य सरकार और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तरफ से नोटिस जारी किया गया है। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि, आयोग ने 16 अप्रैल 2023 को जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है। हालांकि, विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन लोगों की मौत होने की रिपोर्ट अब भी आ रही है। आयोग ने कथित जहरीली शराब कांड पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। 

बताया जा रहा है कि, मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा लग रहा है कि राज्य सरकार बिहार में शराबबंदी लागू करने के बाद अवैध शराब की बिक्री खपत पर प्रतिबंद लगाने की अपनी नीति के क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं दे रही है। इसके साथ ही मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने के बाद आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से लगातार मौतों की संख्या बढ़ रही है। मौजूदा जहरीली शराब कांड में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर मंगलवार को 40 हो गई। 

आपको बताते चलें कि, बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब कांड में 40 से अधिक लोगों की मौत की बात कही जा रही है। पिछले साल दिसंबर में भी बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने के बाद आयोग ने मीडिया में आई खबरों का स्वत: संज्ञान लिया था। विपक्षी पार्टी बीजेपी नाम के साथ लिस्ट भी जारी कर चुकी है। वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक 31 मौतों की बात कही गई है। जहरीली शराब कांड को लेकर बिहार में सियासत भी तेज है। 

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